Ramayan Ki Shooting Kaise Hui thi : रामायण की शूटिंग कैसे हुई थी ? | Ramanand Sagar Ramayan

 रामायण की शूटिंग कैसे हुई थी ? Ramayan Ki Shooting Kaise Hui thi 


मित्रो सैंतीस साल पहले रामानंद सागर जी ने रामायण बनाई थी रामायण एक ऐसा शो था जिसे देखने के लिए लोग टीवी के सामने चिपक जाते थे उस वक्त सड़कों पर सन्नाटा छा जाता था टीवी न होने पर पड़ोसी के घर में भीड जमा हो जाती थी टीवी के राम सीता को लोग असल जिंदगी में पूजने लगे थे ऐसा अलौकिक और चमत्कारी शो बनाकर रामानंद सागर हमेशा के लिए अमर हो गए अस्सी के दशक के सीरियल रामायण की पॉपुलैरिटी में कोई कमी नहीं आई आज के समय में जब तकनीक इतनी विकसित हो चुकी है तब भी रामानंद सागर की रामायण का मुकाबला कोई नहीं कर सकता है उस जमाने में ना तो इतने आधुनिक कैमरे होते थे और ना ही बीएफ ऐक्स , इसके बावजूद सीरियल से जुड़े सभी लोगों की मेहनत का नतीजा रहा कि उन्होंने हर सिंह को जीवंत बना दिया रामायण से जुडी कुछ ऐसी तस्वीर हम आज दिखाने जा रहे हैं जो पर्दे के पीछे से ली गई है तो आईये  इस वीडियो में हम जानेंगे कि रामायण सीरियल की शूटिंग कैसे हुई तो बने रहे वीडियो के अंत तक और स्वागत है आप सभी का हमारे चैनल बायोग्राफी विथ आर पी डी  में यदि आपने अभी तक हमारे इस चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया तो अवश्य कर लें !

रामानंद सागर जी के लिए अस्सी के दशक में रामायण जैसा भाव शो बनाना इतना आसान नहीं था रामानंद सागर जो की टीवी पर आने वाले फिल्म बनाते थे उनका अचानक फिल्में बनाना छोड़कर टीवी का रुख करना क्यों को नहीं बचा था फिर रामानंद सागर ने रामायण बनाने की सोची लेकिन कोई भी इस ड्रीम प्रोजेक्ट को स्पॉन्सर करने के लिए तैयार नहीं हुआ था रामानंद सागर और उनके बेटे ने फंड जुगाड़ करने की काफी किशिस की लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी प्रेम सागर ने बताया था कि उनके पिता ने फिर भी हार नहीं मानी उन्होंने थाना हुआ था कि वे तीन में थे लॉजिकल सो रामायण कृष्णा और दुर्गा जरूर बनाएंगे!रामायण को सपोर्ट करने की खास वजह यह थी कि तब लोगों को लगता था मूंछ और मुकुट का कॉन्सेप्ट काम नहीं करेगा इसी बीच रामानंद सागर ने उन्नीस सौ छियासी में शो बनाया विक्रम और बेताल यह शो जबरदस्त हिट हुआ विक्रम और बेताल यह शो जबरदस्त हित हुवा ! हिट होने के बाद रामानंद सागर की प्रोडक्शन कंपनी को रामायण के लिए स्पॉन्सर मिलने लगे प्रेम सागर के मुताबिक विक्रम बेताल का एक एपिसोड एक लाख का बना था लेकिन रामायण का हर एपिसोड बनने में नौ लाख के आसपास लगे थे उस दौर में एक एपिसोड पर नौ लाख का खर्चा बहुत बडी  बात है रामायण को उस वक्त का सबसे महंगा शो भी कहा जाता था रामायण को शानदार व्यूअरशिप मिली थी लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड दो हज़ार तीन के डाटा के मुताबिक रामायण के पहले टेलीकास्ट को चालीस मिलियन लोगों ने देखा था रामायण को पचपन देश में टेलीकास्ट किया गया था बीबीसी के अनुसार इस शो को दुनिया भर में छः सौ पचास मिलियन से ज्यादा लोगों ने देखा था इसी के साथ रामायण दुनिया में सबसे ज्यादा देखा गया शो रामायण की सफलता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं इसे तीन बार एक्सटेंड किया गया था पहले यह बावन एपिसोड की सीरीज थी बाद में तीन बार एक्सटेंड होने के बाद इसके अठहत्तर एपिसोड टेलीकास्ट किया गया रिपोर्ट से की रामायण का सूट पाँच सौ पचास दोनों तक चला था इसे गुजरात के उमरगाँव में शूट किया गया था भारत का किरदार निभाने वाले संजय जोग को मार्क्स ने लक्ष्मण के रोल के लिए अप्रोच किया था लेकिन वह शो को लंबा समय नहीं दे सकते थे इसलिए उन्होंने यह रोल नहीं किया अब फिल्मों और ऐसे सोच में वीएफएक्स के जारी तमाम स्टंट और चीन को दिखाए जाते हैं लेकिन उसे पुराने जमाने में जब वीएफएक्स कंप्यूटर आदि नहीं हुआ करते थे तो जुगाड़ से सिन  क्रिएट किया जाते थे रामानंद की रामायण में कुछ ऐसे ही किया गया था रामायण में दिखाया गया  युद्ध में तीर अस्त्रों के लिए एक बार बादलों की गड़गड़ाहट आदि के लिए खास तरीके के फैक्ट तैयार किया गए थे जो उस वक्त काफी मुश्किल हुआ करते थे

रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उसे जमाने में कोई स्पेशल कंप्यूटर नहीं हुआ करते थे तब कैमरे की मदद से इफ़ेक्ट  तैयार किया जाते थे उन्होंने बताया कि रामायण की शूटिंग के वक्त बाजार में एक मशीन लॉन्च हुई थी जिसकी मदद से धनुष और तीर वाले स्पेशल इफेक्ट तैयार किया जाते थे उन्होंने बताया कि रामायण में तीर केआपस में टकराने वाले सीन जो चिंगारी और आवाज निकलती थी उसे क्रिएट करने के लिए शीशे की मैचिंग और मैकेनिकल इफेक्ट का इस्तेमाल किया जाता था वहीं सुबह के कोर को दिखाने के लिए धूप बत्ती और अगरबत्ती के धुएं का इस्तेमाल होता था वहीं रामायण में दारा सिंह ने हनुमान जी का किरदार निभाया था जब रामानंद सागर ने उन्हें रोल ऑफर किया तो उन्होंने अपनी उम्र का हवाला देकर काम करने से इनकार कर दिया था लेकिन जब रामानंद सागर ने उन्हें मनाया तो दारा सिंह साहब ने पूरी शिद्दत के साथ इस सीरियल में काम किया वह हनुमान के रोल में इस कदर रम गए थे कि उन्होंने शूटिंग खत्म होने तक चिकन मटन खाना छोड़ दिया था दारा सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं उनके बेटे और एक्टर बिंदु द्वारा सिंह ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलाशा किया की उन्होंने बताया कि उनके पिता ने रामायण की शूटिंग के दौरान नॉनवेज खाना छोड़ दिया था दारा सिंह पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते हैं ऐसे में उन्हें नॉनवेज से बड़ा लगाव था लेकिन वह राम और लक्ष्मण के प्रति बहुत भाव रखते थे इसलिए उन्होंने तय किया था कि जब तक सीरियल की शूटिंग खत्म नहीं हो जाती वह चिकन मटन का ख्याल तक नहीं लेंगे तो दोस्तों

इसी बात पर कमेंट में जय हनुमान जरुर लिखे और दोस्तों रामानंद सागर सीरियल को लेकर बहुत संजीदा थे वह हर समय परफेक्शन चाहते थे सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया बताती हैं पहले एपिसोड एक घंटे का था और उसे बनाने में करीब पंद्रह दिन का समय लग गया था वह महीने में सत्ताईस दिनों तक शूटिंग लोकेशन पर ही रहती थी वहां मेकअप स्टूडियो होता था तो वहा  ही रहती थी और कोई भी मुंबई नहीं लौटता था दीपिका चिखलिया तब मैं पंद्रह दशमलव पांच साल की थी वह बताती हैं हमें जरा भी अंदाजा नहीं था कि यह सीरियल इतिहास रचने जा रहा है रामचरित मानस में तुलसीदास ने राम और सीता की वेशभूषा के बारे में बताया है और हमें वैसा ही दिखाना था यह पहली बार था जब टेलीविजन पर रामायण को दिखाया  जा रहा था उसी समय टेलीविजन पर दिखाना कोई बहुत अच्छी बात नहीं मानी जाती थी सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल ने रामायण के दूर की कई यादें शेयर की हैं राम के रोल के लिए रामानंद सागर ने पहले उन्हें रिजेक्ट कर दिया था अरुण गोविल ने कहा कि मुझे याद है मैं राम के किरदार के लिए ऑडिशन देने गया था लेकिन फेल हो गया ! मुझे

नहीं पता चला कि क्या हुआ था राम के लुक के साथ मेरा फोटो शूट हुआ लेकिन मैं राम जैसा नहीं लग रहा था तब मैंने अपने लुक में एक स्माइल जोड़ दी और यह काम कर गया सीता यानी दीपिका चिखलिया से रामानंद सागर ने कहा था सीता ऐसी लगनी चाहिए कि स्क्रीन पर आए तो इंट्रोड्यूस न करना पड़े दर्शकों को यह बताना ना पड़े की दो तीन लड़कियां चल रही है तो इनमें सीता कौन है

इस तरह चार पाँच स्क्रीन टेस्ट के बाद मेरा सिलेक्शन हुआ कई राउंड के बाद दीपिका चुनी गई रामायण की शूटिंग लोकेशन सूरत में उमर गाव  मे थी दारा सिंह के साथ उनके बेटे बिंदु दारा सिंह कई बार सेट  पर आते जाते थे वह कहते थे सीरियल की पूरी कास्ट और ट्रेन से सूरत करती थी शूटिंग पाँच अच्छा दिन के लिए होती थी और फिर वे लोग वापस दो तीन दिन के लिए

मुंबई आ जाते थे ऐसे में आने जाने में भी लंबा समय लगता था रामायण की इसी लोकप्रियता ने मार्क्स को लखपति बना दिया था दरअसल मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि रामायण का एक एपिसोड शूट करने के लिए रामानंद सागर नौ लाख रुपए खर्च कर देते थे हालांकि रामायण के एक एपिसोड में इतने पैसे लगाने के बावजूद वह मालामाल हो जाया करते थे दरअसल इस एक एपिसोड में मार्क्स चालीस लाख रुपए कमा लेते थे जी हां उस जमाने में रामायण के एक एपिसोड से चालीस लाख की कमाई होती थी यानी सात करोड़ में बने अठहत्तर एपिसोड में कुल इकतीस करोड़ की कमाई हुई थी और दोस्तों उसके साथ ही रामायण ने कई रिकॉर्ड भी बनाए थे रामानंद सागर की रामायण को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पचपन देश में टेलीकास्ट किया गया था उस समय शो की विवर छः सौ पचास मिलियन थी बता दें रामानंद सागर की रामायण का यह रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है दिलचस्प तो यह है कि रामानंद सागर की रामायण सिर्फ उन्निस सौ सत्तासी में ही नहीं आज भी पॉपुलर के समय जब रामायण को एक बार फिर दूरदर्शन पर प्रकाशित किया गया था तब शो के एक एपिसोड को सात करोड़ सत्तर लाख लोगों ने देखा था जिसके साथ यह सीरियल एक बार फिर से सबसे ज्यादा देखे जाने वाला शो बन गया था तो दोस्तों अब आपको पता चल ही गया होगा कि रामायण की शूटिंग किस तरह से हुई थी इसे बनाने में मार्क्स को कितनी मेहनत लगती थी 


तो मित्रो कमेंट में जय श्री राम जरूर लिखे और वीडियो पसंद आई हो तो इसे लाइक और शेयर करें जय श्री राम जय सीता राम !

Ramprasad Patel

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